बेशक प्रधानमंत्री ने कालाधन सामने लाने के लिए नोटबंदी का ऐलान किया हो, लेकिन इसका असर ग़ैरक़ानूनी धंधों पर भी पड़ा है. 8 नवंबर की रात प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 रूपये के नोट बंद करने का ऐलान किया. इसके बाद कालाधन रखने वालों में खौफ़ का माहौल है. नोटबंदी से कई ग़ैरक़ानूनी धंधे मंदे पड़ गये हैं. हम ऐसे ही कुछ ग़ैरक़ानूनी धंधों पर नज़र डालते हैं –
1.
सट्टा बाज़ार मंदा – सट्टा बाज़ार पर नोटबंदी का बहुत गहरा
प्रभाव पड़ा है. देश के तकरीबन सभी शहरों सट्टा का बड़ा ग़ैरक़ानूनी कारोबार है लेकिन
नोटबंदी के बाद यह मंदा पड़ गया है. इससे सभी सटोरिये खासे परेशान हैं. एक सटोरिये
ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद पैसों का हिसाब होता है. पुराने नोट सट्टा बाज़ार
में नही चल रहे हैं और नये नोटों की कमी है, लिहाजा कोई सट्टा लगाने के लिए तैयार
नही है और सटोरिये भी इसमें कम रूचि ले रहे है. सूत्रों के मुताबिक सटोरिये भी
अपने पुराने नोटों को ठिकानें लगाने में व्यस्त हैं.
2.
शराब और ड्रग्स तस्करी में कमी – पहले शाम होते ही देश के महानगरों
समेत कई शहरों में शराब की दुकानों पर लम्बी कतारें लग जाती थी. लेकिन नोटबंदी के
बाद शराबों की दुकान पर इक्का-दुक्का ग्राहक ही नज़र आ रहे हैं. आबकारी विभाग के
सूत्रों की मानें तो, नोटबंदी से सरकारी दुकानों पर शराब की बिक्री में 30 से 40
प्रतिशत की कमी आई है.
इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में ग़ैरक़ानूनी ढंग से बेची जाने वाली कच्ची
शराब और गांजे पर भी असर पड़ा है. नोटबंदी की मार से लोग शराब पीने और ड्रग्स लेने
से तौबा कर लिया है और इसके तस्करी में भी कमी आई है. नोटबंदी के बाद एनडीपीएस
एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में कमी आई है.
3.
सेक्स रैकेट भी प्रभावित – नोटबंदी से सेक्स रैकेट का धंधा भी
प्रभावित हुआ है. पहले इसके लिए बाकायदा होटल बुक रहते थे लेकिन नोटबंदी के बाद
होटलों की बुकिंग में कमी आई है. रेड लाइट एरिया में भी ग्राहकों की संख्या में
कमी आई है.
4.
जेबकतरों का आतंक कम – 500 और 1000 रूपये के नोट बंद होने के
बाद जेबकतरों का आतंक भी कम हो गया है. दिल्ली के नार्थ-ईस्ट ईलाके में जेबकतरे
सबसे ज्यादा इस घटना को अंजाम देते है. नार्थ-ईस्ट
दिल्ली के डीसीपी अजित सिंगला बताते हैं कि नोटबंदी के बाद जेब कटने की
शिकायतें कम आ रही हैं. जेबकतरे पुरानी नोट पर हाथ साफ नही कर रहे हैं और नई नोट
लोग काफ़ी संभाल कर रख रहे हैं.
5.
हवाला कारोबार भी ठप्प – नोटबंदी की वजह से हवाला कारोबार भी
अछूता है. पहले हवाला बाज़ार में प्रतिदिन करोडो रूपये का वारा-न्यारा होता था
लेकिन 500 और 1000 रूपये के नोट बंद होने के बाद हवाला कारोबार ठप्प हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक, हवाला कारोबारी अपने पुराने नोटों को बदलने में व्यस्त हैं. क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त रवीन्द्र सिंह यादव
बताते हैं कि नोटबंदी के बाद हवाला कारोबार से जुड़ी कोई शिकायत नही आई है. पहले
शिकायतें आती रहती थी और उस पर कारवाई भी जाती थी.
पीएम का नोटबंदी का फ़ैसला एक तीर से कई निशाना साधने का काम कर रहा है. इस फ़ैसले से ये सब ग़ैरक़ानूनी धंधे एक झटके में मंदे पड़ गये हैं. हालांकि कैश की कमी से देश की अवाम को थोड़ी परेशानी भी आ रही है लेकिन सरकार आश्वासन दे रही है कि जल्द ही इससे निज़ात पा लिया जायेगा.
पीएम का नोटबंदी का फ़ैसला एक तीर से कई निशाना साधने का काम कर रहा है. इस फ़ैसले से ये सब ग़ैरक़ानूनी धंधे एक झटके में मंदे पड़ गये हैं. हालांकि कैश की कमी से देश की अवाम को थोड़ी परेशानी भी आ रही है लेकिन सरकार आश्वासन दे रही है कि जल्द ही इससे निज़ात पा लिया जायेगा.
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