Monday 16 January 2017

सैनिकों को खराब क्वॉलिटी का खाना मिलने से देशवासी आहत


पिछले हफ़्ते बीएसएफ के कॉन्स्टेबल तेज बहादुर यादव ने सोशल साइट्स पर विडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने अपने ही अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे राशन बेच देते हैं। उनका आरोप था कि सैनिकों के खाने की क्वॉलिटी अच्छी नही होती। अपनी बात को पुख़्ता करने के लिए तेज बहादुर ने सुबह के नाश्ते और रात के डिनर में मिले खाद्य पदार्थों का विडियो बनाकर पोस्ट किया। तेज बहादुर का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद केंद्र सरकार और बीएसएफ के आला अफ़सर सकते में आ गए। पूरा देश विडियो देखकर दंग रह गया।

तेज बहादुर बीएसएफ की 29वीं बटालियन के सदस्य हैं। वह जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। उन्होने आरोप लगाया कि यहां पर जवानों को ठीक से खाना नसीब नहीं हो रहा है और कई बार उन्हें भूखे पेट सोना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वह मुश्किल हालात में ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन सैनिकों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता ठीक नही रहती। ऐसे में सैनिक कैसे ड्यूटी करेगा।  

आमतौर पर यह माना जाता है कि सेना अपने सैनिकों के खान-पान, रहन-सहन पर विशेष ध्यान देती है और सैनिकों को कई तरह के विटामिन और पौष्टिक आहार दिया जाता है। लेकिन तेज बहादुर का विडियो अलग ही कहानी बयां कर रहा था। मामला सेना तथा सैनिकों के खाने से जुड़ा था। लिहाजा, पूरे देश का इमोशन तेज बहादुर के साथ था। गृह मंत्रालय के साथ ही पीएमओ ने भी इस मामल में विशेष दिलचस्पी दिखाई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस पूरे मामले पर बीएसएफ से रिपोर्ट मांगी। बीएसएफ की एक उच्च स्तरीय कमेटी ने मौके का दौरा किया।

शायद यह एक ऐसा पहला मामला था जब किसी सैनिक ने सोशल मीडिया पर सेना में मिल रहे घटिया खाने की शिकायत की। सेना देश की सुरक्षा करती है। सैनिक देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नही करते, जबकि तथाकथित कुछ अधिकारी चंद रुपयों की खातिर उनके खाने के साथ समझौता कर ले रहे हैं। सैनिकों को घटिया किस्म का खाना मिलने से देशवासी आहत हैं। 
दिल्ली के टैगोर इंटरनेशनल स्कूल की टीचर हरप्रीत कौर कहती हैं, सैनिक अपने  घर और परिवार से दूर रहता है, हमारी सुरक्षा के लिए। अगर उसे अच्छा खाना नहीं मिल रहा है तो यह बेहद निराशाजनक है।

बिजनेसमैन अजय गुर्जर कहते हैं, यह जानकर हमें बहुत कष्ट हुआ कि हमारे सैनिकों को खराब क्वॉलिटी का खाना मिल रहा है। सैनिकों को अच्छी डाइट मिलनी चाहिए ताकि वे ठीक से ड्यूटी कर सकें।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ के छात्र कुमार संजय कहते हैं, सेना देश की धड़कन है और सैनिक हमारे आंख और कान। सेना में सैनिकों को घटिया किस्म का खाना देना निंदनीय है।

बीएचयू वाराणसी के एमए हिन्दी के छात्र आनंद प्रताप सिंह कहते हैं, हमें ऐसी उम्मीद भी नहीं थी कि सैनिकों को इस तरह का खाना दिया जाता होगा। विडियो में दाल और अन्य खाने चीजें देखकर मेरी आंख से आंसू निकल पड़े। खाना देखकर मेरा दिल बहुत आहत हुआ।

फिलहाल तेज बहादुर मामले की रिपोर्ट बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को सौंप दी है। गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट पीएमओ को फॉरवर्ड कर दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तेज बहादुर की शिकायत सही नहीं है। तेज बहादुर को जो खाना दिया गया था, उसमें दाल-रोटी के साथ मछली भी थी।

तेज बहादुर की शिकायत जांच में भले ही सही न पायी गई हो, लेकिन अगर इस पूरे मामले में तनिक भी सच्चाई है, तो यह देशहित के लिहाज से ठीक नहीं है। सेना के साथ देशवासियों का भावनाएं जुड़ी हैं, इसलिए यह विडियो सामने आने से देशवासी आहत हुए।